दर्द छू मंतर


दिनभर की भागदौड़ में मज़बूत और हमेशा साथ देने वाले पैरों में दर्द हो, तो काम रुक जाते हैं। योग में इसका उपाय है, जो हमेशा के लिए दर्द से आपको छुटकारा दिलाने के साथ-साथ पैरों को मज़बूत भी बनाता है।

दिनभर की भागदौड़ में पैर कितना बड़ा सहारा हैं। आपके साथ हरकदम चलते हैं। लेकिन रात में अहसास होता है कि इन्हें कितना श्रम करना पड़ता है। पैरों में दर्द से अंदाज़ा हो जाता है कि आज कितनी भागदौड़ की। अधिकांश महिलाएं पैरों के दर्द से परेशान होती हैं और जब वे रात में कमर सीधी करने बिस्तर पर पहुंचती हैं, तो पैरों का दर्द सोने नहीं देता। कई बार तो पैरों में दर्द के साथ-साथ सोते समय पैरों की पिंडली की नसें भी चढ़ जाती हैं, जो बहुत तकलीफदेह होती हैं।
आगे जाकर यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि साइटिका का रूप ले लेती है। वैसे तो इस समस्या का हल दवाओं और मलहमों और मालिश में है, लेकिन अगर आप योग का सहारा लें, तो पैरों के दर्द से आसानी से छुटकारा पा सकती हैं, वह भी हमेशा के लिए। जानते हैं योग के ऐसे दो विशेष आसनों के बारे में, ज़िन्हें करने से पैरों का दर्द छू-मंतर हो जाएगा।
पर्वतासन
पर्वतासन का अर्थ है पैरों को पर्वत के समान शक्तिशाली बनाना। पर्वत पर चाहे कितना भी वजन डाला जाए, वो अपना स्थान नहीं छोड़ता है। इस आसन को करने से आपके पैर भी पर्वत के समान मजबूत हो जाएंगे।


अभ्यास प्रक्रिया 
अपने शरीर को सामने की तरफ झुकाकर दोनों हाथ जमीन पर लाएं, जिससे आपके पैरों की एड़ियां झुकी हुई हों, लेकिन पंजे जमीन पर हों। अब श्वास लेते हुए एड़ियों को जमीन पर लाएं और १क् सेकेंड के लिए इसी अवस्था में रोकें। इसके पश्चात श्वास छोड़ते हुए वापस उसी मुद्रा में आ जाएं। इस प्रकिया को 6-8 बार दोहराएं।

फायदे ही फायदे
  • एड़ियों का दर्द गायब हो जाएगा।
  • पैर मजबूत होंगे।
  • कमर दर्द से भी निजात मिलेगी। 
  • घुटनों के दर्द से भी छुटकारा मिलेगा।
  • रात में पिंडली की नस चढ़ना बंद हो जाएगी।

शलभासन
शलभासन को भौरासन भी कह सकते हैं। इससे भंवरे के समान तंदुरुस्त एवं स्फू र्ति प्रदान करने वाली शक्ति मिलती है।
   

अभ्यास प्रक्रिया 
सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को जंघा के नीचे रखें एवं श्वास लेते हुए दोनों पैरों को उठाएं। अब श्वास छोड़ते हुए वापस आएं। यही प्रक्रिया 5-6 बार करें।