कंधों का दर्द दूर करता है पर्वतासन
यदि आप कंधो के दर्द-जकडऩ से परेशान है तो आपके लिए पर्वतासन बहुत अच्छा उपाय है। इस आसन से कंधो की जकडऩ और कंधों के जोड़ों को दर्द दूर होता है। साथ ही …
You can't Enter The Door of YOGA Without Kindness and Compassion for Other
यदि आप कंधो के दर्द-जकडऩ से परेशान है तो आपके लिए पर्वतासन बहुत अच्छा उपाय है। इस आसन से कंधो की जकडऩ और कंधों के जोड़ों को दर्द दूर होता है। साथ ही …
पूर्ण स्वस्थ इंसान की पहचान क्या है? क्या शरीर से मोटा होना ही अच्छे स्वास्थ्य की पहचान है? कहा जाता है कि कलयुग में वही इंसान सुखी है जिसके पास ये त…
आमतौर पर यह धारणा प्रचलित है कि संभोग के अनेक आसन होते हैं। 'आसन' कहने से हमेशा योग के आसन ही माने जाते रहे हैं। जबकि संभोग के सभी आसनों का …
इन दिनों घर, ऑफिस और हर जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। हम अक्सर घंटों कंप्यूटर पर बैठकर काम करते हैं। मानव जीवन धीरे-धीरे प्रकृति से दूर ह…
अव्यवस्थित दिनचर्या और असंतुलित खाने की वजह से अधिकांश लोगों को मोटापे की समस्या से जूझना पड़ रहा है। मोटापे की वजह से हमारे स्वास्थ्य को कई खतरनाक ब…
स्वामी विवेकानंद ने प्रत्याहार की साधना का सरल मार्ग बताया है। वे कहते हैं मन को संयत करने के लिए- कुछ समय चुपचाप बैठें और मन को उसके अनुसार चलन…
प्रत्याहार योग का पांचवां चरण है। पहले चार चरण यम, नियम, आसन और प्राणायाम हैं । योग मार्ग का साधक जब यम (मन के संयम), नियम (शारीरिक संयम) रखकर एक आसन…
मेडिटेशन यानी ध्यान के लिए यूं तो कोई बंधन नहीं है लेकिन फिर भी श्रेष्ठ परिणाम के लिए समय तय किया जाए तो बेहतर होता है। ध्यान के लिए सबसे ज्यादा जरूर…
मन की शांति के लिए उन चीजों को मन से बाहर निकालना होगा जो दु:ख बन गई हैं। यह आसान नहीं है। उन चीजों को बाहर निकालें कैसे? दु:ख का कारण बनने वाली चीजो…
नौकासन- इस आसन में हमारा शरीर नौका के समान दिखाई देता है, इसी कारण इसे नौकासन कहते है। यदि आपको इस तरह की समस्याएं हैं तो आपकी इन समस्याओं में नौका…
अष्टांग योग की आठ अवस्थाएं हैं- यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। पहली अवस्था है- यम। ईश्वर को प्राप्त करने का एक रास्ता य…
बस्ती क्रिया की विधि करने में बहुत ही कठिन लगती है। कुछ लोग इसे करने में संकोच भी करें, लेकिन बस्ती क्रिया में पारंगत होने पर यह बहुत ही लाभदायक सिद्…
पादपश्चिमोत्तानासन यह आसन करना कठिन है इससे उग्रासन कहा जाता है। उग्र का अर्थ है शिव। भगवान शिव संहारकर्त्ता हैं अतः उग्र या भयंकर हैं। शिवसंहिता में…
शवासन शवासन की पूर्णावस्था में शरीर के तमाम अंग एवं मस्तिष्क पूर्णतया चेष्टा रहित किये जाते हैं। यह अवस्था शव (मुर्दे) जैसी होने से इस आसन को शवासन …
सुप्तवज्रासन ध्यान विशुद्धाख्याचक्र में। श्वास दीर्घ, सामान्य। विधिः वज्रासन में बैठने के बाद चित्त होकर पीछे की ओर भूमि पर लेट जायें। दोनों जंघाएँ …
वज्रासन वज्रासन का अर्थ है बलवान स्थिति। पाचनशक्ति, वीर्यशक्ति तथा स्नायुशक्ति देने वाला होने से यह आसन वज्रासन कहलाता है। ध्यान मूलाधार चक्र में और …
मयूरासन इस आसन में मयूर अर्थात मोर की आकृति बनती है, इससे इसे मयूरासन कहा जाता है। ध्यान मणिपुर चक्र में। श्वास बाह्य कुम्भक। विधिः जमीन पर घुटने टि…
गोरक्षासन या भद्रासन ध्यान मूलाधार चक्र में। श्वास प्रथम स्थिति में पूरक और दूसरी स्थिति में कुम्भक। विधिः बिछे हुए आसन पर बैठ जायें। दाहिना पैर घु…
योगमुद्रासन योगाभ्यास में यह मुद्रा अति महत्त्वपूर्ण है, इससे इसका नाम योगमुद्रासन रखा गया है। ध्यान मणिपुर चक्र में। श्वास रेचक, कुम्भक और पूरक। विध…
अर्धमत्स्येन्द्रासन कहा जाता है कि मत्स्येन्द्रासन की रचना गोरखनाथ के गुरू स्वामी मत्स्येन्द्रनाथ ने की थी। वे इस आसन में ध्यान किया करते थे। मत्स्य…