वे कहते हैं मन को संयत करने के लिए-
- कुछ समय चुपचाप बैठें और मन को उसके अनुसार चलने दें।
- मन में विचारों की हलचल होगी, बुरी भावनाएं प्रकट होंगी। सोए संस्कार जाग्रत होंगे। उनसे विचलित न होकर उन्हें देखते रहें।
- धैर्यपूर्वक अपना अभ्यास करते रहें।
- धीरे-धीरे मन के विकार कम होंगे और एक दिन मन स्थिर हो जाएगा तथा उसका इंद्रियों से संबंध टूट जाएगा।