खिलाड़ियों के लिए योग

फिटनेस और परफेक्शन को बरकरार रखने के लिए खिलाड़ियों को भी अब योग की आवश्यकता होने लगी है। बेले डांस, स्नो डांस प्रतियोगिता हो या क्रिकेट का मैदान। एथलीट का कमाल हो या फुटबॉल की धमाल सभी खेलों में जो फिट और परफेक्ट है वही हिट है। लॉकेट उसी के गले में पहनाया जाता है।

वर्तमान दौर में प्लेयर्स के लिए योग से बेहतर कोई विकल्प नहीं। योग बॉडी और माइंड में बेहतर तालमेल बिठाकर वह व्यक्ति को फुर्तीला बनाने में कारगर सिद्ध होता है। खेल या किसी अन्य काम्पिटिशन में माइंड कांसट्रेशन और बॉडी बेलेंस का होना बहुत जरूरी है।

योग नकारात्मक ऊर्जा तथा भीतर अवरुद्ध हो गई ऊर्जा को स्वतंत्र कर उसे एक नई सकारात्मक और सक्रिय दिशा देता है। खिलाड़ी जितना जागरूक और सक्रिय रहेगा उतना ही वह खेल में एक्सपर्ट होता जाएगा। योग हर तरह के खेल में मदद कर सकता है।

  1. शूटिंग, बॉक्सिंग और शतरंज : तीनों ही ही खेल में कांसट्रेशन, पेशेंस और फ्यूचर थिंकिंग का होना आवश्यक है। योग से यह सब कुछ पाया जा सकता है। कांसट्रेशन के लिए ध्यान या त्राटक साधना कर सकते हैं। इसी से पेशेंस और फ्यूचर थिंकिंग का विकास होगा जो आपको शतरंज, बॉक्सिंग या शूटिंग (निशानेबाजी) का चैम्पियन बना देगा।
  2. क्रिकेट : यदि आप क्रिकेटर हैं तो क्रिकेट में कांसट्रेशन के अलावा फुर्ती, निश्चिंतता और फ्लेक्सिबिलिटी का महत्व है। इसके लिए प्राणायाम, ध्यान और सूर्य नमस्कार से भी काम चल सकता है। बशर्ते की यह नियमित किया जाए। फिर भी यदि आप भुजंगासन, हलासन, पादहस्तासन, चंद्रासन और अंग-संचालन का अभ्यास करते रहें तो बेहतर होगा।
  3. फुटबॉल, हॉकी और टेनिस : अक्सर यह सुनने में आया है कि फुटबॉल, हॉकी और टेनिस प्लेयर्स के पैरों या पिंडलियों में ऐंठन (Cramps or arthritis) की शिकायत रहती है। उन्हें भी योग हर तरह से सहयोग कर सकता है। उन्हें वज्रासन, अंग-संचालन और प्राणायाम का सहारा लेना चाहिए। इसके अलावा पैरों की मालिश और आयुर्वेदिक स्नान का मजा ले सकते हैं।

योग पैकेज : प्राणायाम में अनुलोम-विलोम। आसनों में अंग-संचालन, त्रिकोणासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, पादहस्तासन, आंजनेय आसन, भुजंगासन, हलासन, ब्रह्ममुद्रा, वज्रासन और उष्ट्रासन करें।