सेक्स संबंधी योग के नुस्खे

योग शास्त्र आपके सेक्स जीवन को समृद्ध बनाने के लिए मदद कर सकता है जिन्हें आप करें तो सेक्स की शक्ति बढ़ सकती है और बेहतर सेक्स के लिए आप तैयार हो सकते हैं। योग के कुछ आसन, प्राणायाम और मुद्राओं के अभ्यास से आप सेक्स संबंध सभी तरह की दुर्बलताएँ दूर कर स्तंभन क्रिया को बढ़ा सकते हैं।

यह करें :
नाड़ीशोधन प्राणायाम : यूँ तो योग में 72 हजार नाड़ियों का जिक्र है, फिर भी उनमें 14 नाड़ियाँ प्रमुख मानी गई हैं:- सुषुम्ना, इड़ा, पिंगला, गांधारी, हस्तजिव्ह्या, कुहू, सरस्वती, पूषा, शंखिनी, यशस्विनी, वारुणी, अलम्बुसा, विश्वोधरा और पयस्विनी। यह नाड़ी शोधन प्राणायाम सभी प्रकार की नाड़ियों को शुद्ध और मजबूत करता है। नाड़ियों की मजबूती से ही सेक्स जीवन मजबूत होता है।

सूर्य नमस्कार : सूर्य नमस्कार में ज्यादातर आसनों का समावेश हो जाता है, इसीलिए इसका महत्व है। सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से चुस्ती-स्फूर्ति बनी रहती है। नाड़ी शोधन जहाँ ना‍ड़ियों की दुर्बलता दूर करता है वहीं सूर्य नमस्कार आपकी माँसपेशियों की दुर्बलता दूर कर आपको तंदुरुस्त बनाए रखता है।

मुद्राओं से लाभ : यदि हमारे पास समय की कमी है तो मुद्राओं का अभ्यास करना बहुत ही आसान है जिसके माध्यम से आप सेक्स जीवन में लाभ पा सकते हैं। मुद्राएँ तो अनेक होती हैं किंतु ज्ञानमुद्रा, शून्य मुद्रा, पृथ्वी मुद्रा, सूर्य मुद्रा, वरुण मुद्रा, वायु मुद्रा, प्राण मुद्रा, लिंग मुद्रा, अपान मुद्रा और अपान वायु मुद्रा करने से दिमाग और शरीर की शक्ति का विकास होकर सेक्स क्षमता बढ़ती है।

मालिश उपचार : मालिश से नाड़ी और माँसपेशियाँ दोनों की शुद्धि और पुष्टि होती है। इससे शरीर में शक्ति उत्पन्न हो शरीर का वर्ण सोने के समान दमकने लगता है। मालिश से रक्त संचार सुचारु रूप से चलता है। स्वच्छ खून जब धमनियों में दौड़ने लगता है तो वह शरीर को कांतिमय बना देता है। इससे तनाव, अवसाद भी दूर होता है। तब पूरे बदन का घर्षण, दंडन, थपकी, कंपन और संधि प्रसारण के तरीके से मालिश कराएँ।

आहार संयम : भोजन ऐसा हो जो शरीर को भीतर से मजबूत बनाए और किसी भी प्रकार से शरीर में उसका नकारात्मक असर न हो। इसीलिए सबसे पहले उपवास रखकर शरीर को शुद्ध बनाएँ। फिर भोजन करने और पानी पीने के नियम बनाएँ। फिर फलाहार और बादाम के दूध से शुरुआत करें। तब हरी सब्जी, हरा चना और छिलकों वाली दाल का उपयोग घी लगी पतली चपाती के साथ करें।

भोजन में सलाद का भरपूर उपयोग और प्याज, लहसुन तथा अदरक का संतुलित सेवन करें। हो सके तो प्रतिदिन भोजन के बाद एक चम्मच मक्खन में एक चम्मच मिश्री मिलाकर लें। ध्यान रहे कि भोजन तेज मसालेदार और तेज मीर्च वाला न हो। बहुत भूख लगे और बहुत प्यास लगे तब ही खाएँ-पीएँ।

कुंडलिनी योग : योग शास्त्र में सेक्स के लिए कुंडलिनी योग एक महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है। यह योग काम शक्ति को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होता है। यह योग आपकी नर्वसता दूर करके आपको संभोग के दौरान आरामदायक स्थिति में रखता है। कुंडलिनी योग से भी प्रारंभ में ना‍ड़ियों की शुद्धि-पुष्टि होती है।