पादपश्चिमोत्तानासन
पादपश्चिमोत्तानासन यह आसन करना कठिन है इससे उग्रासन कहा जाता है। उग्र का अर्थ है शिव। भगवान शिव संहारकर्त्ता हैं अतः उग्र या भयंकर हैं। शिवसंहिता में…
You can't Enter The Door of YOGA Without Kindness and Compassion for Other
पादपश्चिमोत्तानासन यह आसन करना कठिन है इससे उग्रासन कहा जाता है। उग्र का अर्थ है शिव। भगवान शिव संहारकर्त्ता हैं अतः उग्र या भयंकर हैं। शिवसंहिता में…
शवासन शवासन की पूर्णावस्था में शरीर के तमाम अंग एवं मस्तिष्क पूर्णतया चेष्टा रहित किये जाते हैं। यह अवस्था शव (मुर्दे) जैसी होने से इस आसन को शवासन …
सुप्तवज्रासन ध्यान विशुद्धाख्याचक्र में। श्वास दीर्घ, सामान्य। विधिः वज्रासन में बैठने के बाद चित्त होकर पीछे की ओर भूमि पर लेट जायें। दोनों जंघाएँ …
वज्रासन वज्रासन का अर्थ है बलवान स्थिति। पाचनशक्ति, वीर्यशक्ति तथा स्नायुशक्ति देने वाला होने से यह आसन वज्रासन कहलाता है। ध्यान मूलाधार चक्र में और …
मयूरासन इस आसन में मयूर अर्थात मोर की आकृति बनती है, इससे इसे मयूरासन कहा जाता है। ध्यान मणिपुर चक्र में। श्वास बाह्य कुम्भक। विधिः जमीन पर घुटने टि…
गोरक्षासन या भद्रासन ध्यान मूलाधार चक्र में। श्वास प्रथम स्थिति में पूरक और दूसरी स्थिति में कुम्भक। विधिः बिछे हुए आसन पर बैठ जायें। दाहिना पैर घु…
योगमुद्रासन योगाभ्यास में यह मुद्रा अति महत्त्वपूर्ण है, इससे इसका नाम योगमुद्रासन रखा गया है। ध्यान मणिपुर चक्र में। श्वास रेचक, कुम्भक और पूरक। विध…
अर्धमत्स्येन्द्रासन कहा जाता है कि मत्स्येन्द्रासन की रचना गोरखनाथ के गुरू स्वामी मत्स्येन्द्रनाथ ने की थी। वे इस आसन में ध्यान किया करते थे। मत्स्य…
कटिपिण्डमर्दनासन इस आसन में कटिप्रदेश (कमर के पास वाले भाग) में स्थित पिण्ड अर्थात मूत्रपिण्ड का मर्दन होता है, इससे यह आसन कटिपिण्डमर्दनासन कहलाता ह…
चक्रासन इस आसन में शरीर की आकृति चक्र जैसी बनती है। अतः चक्रासन कहा जाता है। ध्यान मणिपुर चक्र में। श्वास दीर्घ, स्वाभाविक। विधिः भूमि पर बिछे हुए …
धनुरासन इस आसन में शरीर की आकृति खींचे हुए धनुष जैसी बनती है अतः इसको धनुरासन कहा जाता है। ध्यान मणिपुर चक्र में। श्वास नीचे की स्थिति में रेचक और ऊप…
भुजंगासन इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाये हुए भुजंग अर्थात सर्प जैसी बनती है इसलिए इसको भुजंगासना कहा जाता है। ध्यान विशुद्धाख्या चक्र में। श्वास ऊप…
मत्स्यासन मत्स्य का अर्थ है मछली। इस आसन में शरीर का आकार मछली जैसा बनता है अतः मत्स्यासन कहलाता है। प्लाविनी प्राणायाम के साथ इस आसन की स्थिति में ल…
पवनमुक्तासन शरीर में स्थित पवन (वायु) यह आसन करने से मुक्त होता है। इसलिए इसे पवनमुक्तासन कहा जाता है। ध्यान मणिपुर चक्र में। श्वास पहले पूरक फिर कु…
हलासन इस आसन में शरीर का आकार हल जैसा बनता है इसलिए इसको हलासन कहा जाता है। ध्यान विशुद्धाख्या चक्र में। श्वास रेचक और बाद में दीर्घ। विधिः भूमि पर…
सर्वांगासन भूमि पर सोकर शरीर को ऊपर उठाया जाता है इसलिए इसको सर्वांगासन कहते हैं। ध्यान विशुद्धाख्य चक्र में, श्वास रेचक, पूरक और दीर्घ। विधिः भूमि …
सिद्धासन पद्मासन के बाद सिद्धासन का स्थान आता है। अलौकिक सिद्धियाँ प्राप्त करने वाला होने के कारण इसका नाम सिद्धासन पड़ा है। सिद्ध योगियों का यह प्रि…
पद्मासन या कमलासन इस आसन में पैरों का आधार पद्म अर्थात कमल जैसा बनने से इसको पद्मासन या कमलासन कहा जाता है। ध्यान आज्ञाचक्र में अथवा अनाहत चक्र में। …